MBBS from Foreign – विदेश में MBBS करने वाले विधार्थियों को हाई कोर्ट ने सुनाया यह फैसला पढ़े पूरी खबर
Seen Media Digital Desk -नई दिल्ली – MBBS from Foreign सुप्रीम कोर्ट ( SC ) ने कहा है कि विदेश से मेडिकल की डिग्री लेकर आए इंटर्न के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस प्रसन्ना भालचंद्र वरले की पीठ ने कुछ डाक्टरों की ओर से पेश वकील तन्वी दुबे की दलीलों पर गौर किया कि कुछ मेडिकल कालेजों में विदेशी मेडिकल स्नातकों को उनकी इंटर्नशिप के दौरान वजीफा का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
नई दिल्ली, पीटीआई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि विदेश से मेडिकल की डिग्री लेकर आए इंटर्न के साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता। उन्हें भारतीय कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले अपने साथियों की तरह इंटर्नशिप के दौरान स्टाइपैंड मिलना चाहिए।
MBBS from Foreign
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस प्रसन्ना भालचंद्र वरले की पीठ ने कुछ डाक्टरों की ओर से पेश वकील तन्वी दुबे की दलीलों पर गौर किया कि कुछ मेडिकल कालेजों में विदेशी मेडिकल स्नातकों को उनकी इंटर्नशिप के दौरान वजीफा का भुगतान नहीं किया जा रहा है। पीठ ने सोमवार को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) से तीन कालेजों का ब्योरा मांगा जिसमें विदेशी चिकित्सा स्नातकों को स्टाइपैंड के भुगतान की जानकारी हो।
इन कालेज में अटल बिहारी वाजपेयी सरकारी मेडिकल कालेज, विदिशा, डा. लक्ष्मीनारायण पांडेय सरकारी मेडिकल कालेज, रतलाम और कर्मचारी राज्य बीमा निगम मेडिकल कालेज, अलवर शामिल हैं। अदालत ने कहा कि स्टाइपैंड का भुगतान किया जाए।
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कॉलेजों को चेतावनी दी कि अगर स्टाइपैंड के भुगतान पर उसके पहले के आदेश का पालन नहीं किया गया तो सख्त कदम उठाए जाएंगे। मेडिकल कालेज एमबीबीएस और विदेशी मेडिकल स्नातकों के साथ अलग व्यवहार नहीं कर सकते। पीठ ने एनएमसी और मेडिकल कालेजों से इस मुद्दे पर निर्देश वापस लेने को कहा।
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