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Cumin Production – राजस्थान और गुजरात में हुई जीरे की बम्पर पैदा, यहाँ देखे एक्सपर्ट की मुंह से जीरे का भविष्य

Seen Media Digital Desk: नई दिल्ली – cumin production गुजरात में मेथी का उत्पादन लगभग 24,620 टन होगा, जो पिछले साल से 28 प्रतिशत कम है. वहीं, जानकारों का कहना है कि गुजरात और राजस्थान में सबसे अधिक जीरे की खेती की जाती है. यही वजह है कि ये दोनों राज्य दुनिया में जीरे के एकमात्र प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन गए हैं.

इस साल बेमौसम बारिश के बावजूद गुजरात में जीरे और सौंफ का बंपर उत्पादन होने की उम्मीद है. कहा जा रहा है कि इस बार किसानों ने काफी अधिक रकबे में जीरे और सौंफ की खेती की है. फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टेकहोल्डर्स (FISS) का अनुमान है कि राज्य में इस फसल सीजन में जीरा और सौंफ का उत्पादन लगभग दोगुना हो जाएगा.

इससे किसानों की अच्छी कमाई होगी. हालांकि, FISS का कहना है कि गुजरात में उगाई जाने वाली मसाला फसलों में धनिया के उत्पादन में गिरावट आ सकती है. धनिया पिछले साल से 44 फीसदी गिरकर 1.58 लाख टन होने का अनुमान है.

Cumin Production

द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इसी तरह गुजरात में मेथी का उत्पादन लगभग 24,620 टन होगा, जो पिछले साल से 28 प्रतिशत कम है. वहीं, जानकारों का कहना है कि गुजरात और राजस्थान में सबसे अधिक जीरे की खेती की जाती है. यही वजह है कि ये दोनों राज्य दुनिया में जीरे के एकमात्र प्रमुख आपूर्तिकर्ता बन गए हैं.

ऐसा इसलिए है, क्योंकि पिछले तीन वर्षों में सीरिया और तुर्की से उत्पादन और निर्यात में भारी गिरावट आई है. FISS के प्रारंभिक फसल अनुमान के अनुसार, इन दोनों राज्यों में जीरा उत्पादन 70 फसदी बढ़ गया है, जो पिछले साल के 3.3 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर इस सीजन में 5.6 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है.

Cumin Production

एफआईएसएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले साल ऊंची कीमतों के कारण किसानों ने इस साल जीरे की ओर रुख किया है. चूंकि इस साल बंपर फसल होने की उम्मीद है. मौसम में मामूली उतार-चढ़ाव के बावजूद कीमतें नियंत्रण में रहेंगी. उन्होंने कहा कि गुजरात में जीरा उत्पादन 2023 में 1.28 लाख मीट्रिक टन से दोगुना होकर 2024 में 2.54 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है.

 FISS के मुताबिक, इस साल इस मसाला फसल की मांग 85 लाख 55 किलोग्राम बैग तक पहुंचने की उम्मीद है. वर्तमान में जीरे की निर्यात मांग अधिक है और यह जून तक जारी रहने की उम्मीद है. इससे जीरे की कीमतें बढ़ेंगी. 

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कृषि जिंस विशेषज्ञों का कहना है कि चीन पिछले कुछ वर्षों में जीरे का प्रमुख खरीदार रहा है. इस साल, चीन ने अच्छे उत्पादन स्तर की सूचना दी है और इस प्रकार चीन को जीरा निर्यात कम रहने की संभावना है. इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में मांग और कीमतें प्रभावित होंगी और हमें अपेक्षाकृत नरम कीमतें देखने को मिलेंगी.

इस वर्ष स्थिति पिछले वर्ष से भिन्न है, जब उत्पादन अनुमान और वास्तविक उपज के बीच काफी अंतर था. इसका कारण गुजरात और राजस्थान में कई बार हुई बेमौसम बारिश थी, खासकर जब फसल खेतों में थी.

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जीरा व्यापारियों के मुताबिक, गुजरात में इस साल जीरे की बुआई का रकबा 100 फीसदी से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है. जीरे के सबसे बड़े बाजार यार्ड उंझा में कृषि उपज बाजार समिति के अध्यक्ष दिनेश पटेल ने कहा कि इस साल, हम जीरे का काफी अधिक उत्पादन देखेंगे. नई फसल आने के बाद जीरे की कीमतों में कमी आ सकती है. वर्तमान में कीमत लगभग 5,000 रुपये प्रति 20 किलोग्राम है, लेकिन विशेष रूप से राजस्थान से नई उपज के आगमन से कीमतों में कमी आएगी. 

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SURESH SIYAK

🚀 Founder of Seen Media Digital Desk 🌟 Passionate about Culture & Rural Development 🌾 Bringing you the latest updates in the world of Rajasthan 🌿 Committed to sustainable growth and community empowerment 📍 Based in the heart of Rajasthan, India 🇮🇳

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