CAA Rules – सीएए पर कही ख़ुशी तो कही आक्रोश क्या है हकीकत, यहाँ देखे
Seen Media Digital Desk : नई दिल्ली – CAA Rules – CAA से देशभर में कही ख़ुशी तो कही आक्रोश नजर आ रहा है | आखिर CAA क्या है यह कैसे लागू होगा सहित सम्पूर्ण जानकारी आपको हम इस आर्टिकल में देंगे | मोदी सरकार की और से CAA कानून लागू होने के बाद देश में ज्यादातर लोग ख़ुशी मना रहे है |
नरेंद्र मोदी सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी कर दी है। लोकसभा चुनाव बेहद करीब हैं इससे ठीक पहले केंद्र ने ये बड़ा फैसला लिया। सीएए के लागू होते ही बगैर दस्तावेज के अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से आए हिंदुओं, सिखों (गैर-मुस्लिम) को नागरिकता मिलेगी। सीएए को दिसंबर, 2019 में संसद के दोनों सदनों में पास कर दिया गया था।
बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी। हालांकि, इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसी के चलते अब तक यह कानून लागू नहीं हो सका था। 11 मार्च की शाम को सरकार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी। सीएए लागू किए जाने के बाद हर किसी के मन में सवाल यही है कि आखिर इससे क्या बदलाव होंगे।
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CAA Rules
CAA लागू होने से क्या असर पडेगा
सीएए के नियम जारी हो जाने के बाद केंद्र सरकार 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी। सरकार ने बताया कि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार किया गया है। इसमें बाहर से आए लोगों को रजिस्ट्रेशन करना होगा। ये भी बताना होगा कि उन्होंने भारत में एंट्री कब ली थी। इसके बाद जरूरी जांच पड़ताल की जाएगी और फिर उन आवेदकों को नागरिकता मिल सकेगी।
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CAA Rules
CAA कानून क्या है
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का उद्देश्य धार्मिक उत्पीड़न के कारण भारत में शरण लेने वाले व्यक्तियों की रक्षा करना है। यह उन्हें अवैध माइग्रेशन की कार्रवाई के खिलाफ एक ढाल प्रदान करता है। सीएए में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और क्रिस्चन धर्मों के प्रवासियों के लिए नागरिकता के नियम को आसान बनाया गया है।
पहले किसी व्यक्ति को भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम पिछले 11 साल से यहां रहना अनिवार्य था। इस नियम को आसान बनाकर नागरिकता हासिल करने की अवधि को एक साल से लेकर 6 साल किया गया है। आसान शब्दों में कहा जाए तो भारत के तीन पड़ोसी देश पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने के नियम को आसान बनाया गया है।
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CAA Rules
कोई CAA से खुश तो कोई नाराज क्या है हकीकत ?
सीएए के नियमों को लेकर देश के प्रमुख विपक्षी दल सवाल खड़े करते रहे हैं। 2019 में जब ये एक्ट केंद्र सरकार संसद में लाई थी तो यह तर्क दिया गया कि ये कानून भेदभावपूर्ण है। यह मुसलमानों को टारगेट करता है
जो देश की आबादी का लगभग 15 फीसदी हैं। हालांकि, सरकार बताती है कि चूंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश मुस्लिम बहुल इस्लामी गणराज्य हैं, इसलिए वहां के मुसलमानों को उत्पीड़ित अल्पसंख्यक नहीं माना जा सकता है। हालांकि, सरकार ये आश्वस्त करती है कि अन्य समुदायों के आवेदन की समीक्षा केस-दर-केस के आधार पर की जाएगी।
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CAA Rules
प्रवासी कैसे कर सकते हैं CAA आवेदन?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि CAA में नागरिकता को लेकर पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। होम मिनिस्ट्री ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है।
जिसमें आवेदन करने वालों को ये बताना होगा कि आखिर उन्होंने बिना पूरे डॉक्यूमेंट्स के भारत में कब प्रवेश किया। उन्हें इसकी पूरी जानकारी देनी होगी। हालांकि, इस दौरान आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।
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